आंदोलन के परिणाम आंदोलन क॑ दबाय के लेली अंग्रेज न॑ ई इलाका म॑ सेना भेजलकै आरू जमीक॑ आदिवासी कु गिरफ्तारी करलकै आरू विद्रोहियों प॑ गोली बरसाबै लगलै। आंदोलनकारी क॑ नियंत्रित करैऽ के लेली मार्शल लॉ लगाय देलो गेलै। आंदोलनकारी के गिरफ्तारी के लेली अंग्रेज सरकार न॑ पुरस्कार के भी घोषणा करने उ। बहराइच म॑ अंग्रेज आरू आंदोलनकारी के लड़ाई म॑ चांद आरु भैरव शहीद होय गेलै। प्रसिद्ध अंग्रेज इतिहासकार हंटर न॑ अपनो पुस्तक 'एनल्स ऑफ रूलर बंगाल' म॑ लिखने छै,'संथाल क॑ आत्मसमर्पण के जानकारी नय छै, जे कारण डुगडुगी बजतें रहलै आरू लोग लड़तें रहलै।' जब तक ऐगो भी आंदोलनकारी जिंदा रहलै, उ लड़तें रहलै। ई युद्ध म॑ करीब 20 हजार आदिवासी न॑ अपनो जान देने छेलै। सिद्धू आरू कान्हू के करीबी साथी क॒ पैसा के लालच देकै दोनों क॑ भी गिरफ्तार करी लेलकै आरु फीरू 26 जुलाई क॑ दोनों भाइ क॑ भगनाडीह गांव म॑ खुलेआम ऐगु पेड़ प॑ टांगीक॑ फांसी कु सजा द॑ देलकै। ई तरह सिद्धू, कान्हू, चांद आरै भैरव, ई चारों भाई सदा के लेली भारतीय इतिहास म॑ अपनै अमिट स्थान बनाय लेलकै।