कछुआ एगो जलीय जन्तु छेकै। एकरऽ सौसे शरीर कड़ा कवच स॑ ढ़कलऽ रहै छै। एकरऽ शरीर केरऽ कवच केरऽ ऊपरी भाग कारापेश तथा निचला भाग प्लास्ट्रन कहलाबै छै। इसके चार पैर होते हैं और प्रत्येक पैरों में पाँच-पाँच नाखून तथा जाल-युक्त ऊँगलियाँ पायी जाती हैं। मादा कछुआ मिट्टी खोदकर उसमें अंडे देती है।[१] अंडो की संख्या १ से लेकर ३० तक हो सकती है। साधारणतः अंडे देने का कार्य रात में होता है। मादा अंडे देने के बाद गड्ढे एवं अंडे को मिट्टी तथा बालू इत्यादि से ढ़क देती है। विभिन्न प्रजातियों के अंडो से बच्चों के निकलने का समय भिन्न-भिन्न होता है। अंडो से बच्चे निकलने में ६० से १२० दिनों तक का समय लगता है। मारवाड़ी भाषा में कछुआ को काछबा कहा जाता है|[२]

चित्र दिर्घा संपादन

बाहरी कड़ी संपादन

संदर्भ संपादन