गुरु स॑ ज्ञान प्राप्त होय छै । गुरू के कैएक प्रकार होय छै । स्कूली सिक्षा दै वाला गुरू, कोनो तरह के कौसल के विकास कराबै लेली प्रसिक्षन दै वाला गुरू, खेल सिखाबै वाला गुरू, योग सिखाबै वाला योग गुरू आरो अध्यात्म व जीवन दर्सन सिखाबै वाला अद्यात्म गुरू । माय-बाबू क॑ सबसं॑ पहलऽ गुरू मानलऽ जाय छै । कैन्हेंकि हरएक के जीवन मं॑ सबसं॑ पहल॑ माय-बाबू ही ओकरऽ जीवन जियै लेली हर जरूरत के पाठ पढ़ाबै छै ।