अगर आप घोड़े की पीठ पर वाहन के लिये कसी जाने वाली चीज़ पर जानकारी ढूंढ रहे हैं तो ज़ीन का लेख देखिये

गुणसूत्रौ पर स्थित डी.एन.ए. (D.N.A.) केरौ बनलौ वू अति सूक्ष्म रचना सिनी जे अनुवांशिक लक्षणौ सब के धारण आरू उनकौ एक पीढ़ी सँ दोसरौ पीढ़ी मँ स्थानान्तरण करै छै, जीन, वंशाणु, जनुक या पित्रैक (अंग्रेजी-gene) कहलाबै छै।

जीन, डी एन ए के न्यूक्लियोटाइडओं का ऐसा अनुक्रम है, जिसमें सन्निहित कूटबद्ध सूचनाओं से अंततः प्रोटीन के संश्लेषण का कार्य संपन्न होता है। यह अनुवांशिकता के बुनियादी और कार्यक्षम घटक होते हैं। यह यूनानी भाषा के शब्द जीनस से बना है।

जीन आनुवांशिकता की मूलभूत शारीरिक इकाई है। यानि इसी में हमारी आनुवांशिक विशेषताओं की जानकारी होती है जैसे हमारे बालों का रंग कैसा होगा, आंखों का रंग क्या होगा या हमें कौन सी बीमारियां हो सकती हैं। और यह जानकारी, कोशिकाओं के केन्द्र में मौजूद जिस तत्व में रहती है उसे डी एन ए कहते हैं। जब किसी जीन के डीएनए में कोई स्थाई परिवर्तन होता है तो उसे म्यूटेशन या उत्परिवर्तन कहा जाता है। यह कोशिकाओं के विभाजन के समय किसी दोष के कारण पैदा हो सकता है या फिर पराबैंगनी विकिरण की वजह से या रासायनिक तत्व या वायरस से भी हो सकता है।

ई भी देखौ

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युग्म विकल्पी

सन्दर्भ

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