थार मरुस्थल भारत केरऽ उत्तरपश्चिम में तथा पाकिस्तान केरऽ दक्षिणपूर्व में स्थित छै। ई अधिकांश त॑ राजस्थान म॑ स्थित छै। लेकिन कुछ भाग हरियाणा, पंजाब,गुजरात आरू पाकिस्तान केरऽ सिंध आरू पंजाब प्रांत में भी फैललऽ छै। अरावली पहाड़ी केरऽ पश्चिमी किनारा पर थार मरुस्थल स्थित छै। ई मरुस्थल बालू केरऽ ढिम्मा स॑ ढँकलऽ एगो तरंगित मैदान छै।

थार मरुस्थल केरऽ दृश्य

जलवायु

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थार मरुस्थल अद्भुत छै। गर्मी में यहां के रेत उबलै छै। ई मरुभूमि म॑ साठ डिग्री सेल्शियस तक तापमान रिकार्ड करलऽ जाय छै। जबकि सर्दी में तापमान शून्य सें नीचें चल्लऽ जाय छै। गरमियऽ में मरुस्थल के तेज हवा रेत केरऽ टीला क॑ एक स्थान स॑ दोसरऽ स्थान पर ल॑ जाय छै आरू टीला या ढिम्मा क॑ नया आकृति प्रदान करै छै।

जन-जीवन

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जन-जीवन केरऽ नाम प॑ मरुस्थल म॑ मीलों दूर कोय-कोय गांव मिलै छै। पशुपालन (ऊंट, भेड़, बकरी, गाय, बैल) यहांकरऽ मुख्य व्यवसाय छेकै। दू-चार साल में यहां कभी-कभार बारिश होय जाय छै। कीकर, टींट,फोगड़ा, खेजड़ी और रोहिड़ा के वृक्ष कहीं-कहीं दिखाई देते हैं। इंदिरा नहर के माध्यम से कई क्षेत्रों में जल पहुंचाने का प्रयास आज भी जारी है।

मरुस्थल में कई जहरीले सांप, बिच्छु और अन्य कीड़े होते हैं।

मरू समारोह

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लौहयुगीन वैदिक भारत में थार मरुस्थल की स्थिति (नारंगी रंग में)

राजस्थान में मरू समारोह (फरवरी में) - फरवरी में पूर्णमासी के दिन पड़ने वाला एक मनोहर समारोह है। तीन दिन तक चलने वाले इस समारोह में प्रदेश की समृद्ध संस्कृति का प्रदर्शन किया जाता है।

प्रसिद्ध गैर व अग्नि नर्तक इस समारोह का मुख्य आकर्षण होते है। पगड़ी बांधने व मरू श्री की प्रतियोगिताएं समारोह के उत्साह को दुगना कर देती है। सम बालु के टीलों की यात्रा पर समापन होता है, वहां ऊंट की सवारी का आनंद उठा सकते हैं और पूर्णमासी की चांदनी रात में टीलों की सुरम्य पृष्ठभूमि में लोक कलाकारों का उत्कृष्ट कार्यक्रम होता है।

बाहरी कड़ी

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