नागपुर
शहर
Skyline of नागपुर
नागपुर का आधिकारिक सील
सील
देश भारत
राज्य महाराष्ट्र
ज़िला नागपुर
जनसंख्या (2011)[१]
 • शहर २४,०५,६६५

नागपुर (अंग्रेज़ी: Nagpur, मराठी: नागपूर) महाराष्ट्र राज्य केरऽ एगो प्रमुख शहर छेकै । नागपुर भारत केरऽ मध्य में स्थित छै । महाराष्ट्र की इस उपराजधानी की जनसंख्या २४ लाख (१९९८ जनगणना के अनुसार) है। नागपुर भारत का १३वा व विश्व का ११४ वां सबसे बड़ा शहर हैं। नागपुर की लगभग आधी आबादी मराठी भाषा बोलती है। यह नगर संतरों के लिये काफी मशहूर है। इसलिए इसे लोग संतरों की नगरी भी कहते हैं।

हाल ही में इस शहर को देश के सबसे स्वच्छ व सुदंर शहर का इनाम मिला है। नागपुर भारत देश का दूसरे नंबर का ग्रीनेस्ट (हरित शहर) शहर माना जाता है। बढ़ते इन्फ्रास्ट्रकचर की वजह से नागपुर की गिनती जल्द ही महानगरों में की जायेगी।

नागपुर, एक जिला है व ऐतिहासिक विदर्भ (पूर्व महाराष्ट्र का भाग) का एक प्रमुख शहर भी। नागपुर शहर की स्थापना गोण्ड राज्य ने की थी। फिर वह राजा भोसले के उपरान्त मराठा साम्राज्य मे शामिल हो गया। १९वी सदी मैं अंग्रेज़ी हुकुमत ने उसे मध्य प्रान्त व बेरार की राजधानी बना दिया। आज़ादी के बाद राज्य पुनर्रचना ने नागपुर को महाराष्ट्र की उपराजधानी बना दिया।

नागपुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद जैसी राष्ट्रवादी संघटनाओ का एक प्रमुख केंद्र है।

नाम संपादन

 
नाग नदी। माना जाता है की नागपुर का नाम इसी नदीं के आधार पर पड़ा था।

नागपुर का नाम नाग नदी से रखा गया है। यह नदी नागपुर के पुराने हिस्से से गुज़रती है। नागपुर महानगर पालिका के चिन्ह पर नदी और एक नाग है। नागपुर संत्रो के लिये मशहूर है और उसे संत्र नगरी भी कहा जाता है। और नागपुर मे नाग साप बहुत पाया जाता था इस कारण से नागपुर का नाम नागपुर रख गया।

इतिहास संपादन

नागपुर शहर की स्थापना देवगड़ (छिंदवाड़ा) के शासक गोंड वंश के राजा ने की थी | संतरे की राजधानी के रूप में विख्यात नागपुर महाराष्ट्र का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। पर्यटन की दृष्टि से यह महाराष्ट्र के अग्रणी शहरों में शुमार किया जाता है। यहां बने अनेक मंदिर, ऐतिहासिक इमारतें और झील यहां आने वाले सैलानियों के केन्द्र में होते हैं। इस शहर से बहने वाली नाग नदी के कारण इसका नाम नागपुर पड़ा। नागपुर की स्थापना देवगढ़ के गौंड राजा बख्त बुलंद शाह ने 1703 ई. में की थी। यह शहर 1960 तक मध्य भारत राज्य की राजधानी था। 1960 के बाद यहां की मराठी आबादी को देखते हुए इसे महाराष्ट्र के जिले के रूप में शामिल कर लिया गया। 9890 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले इस जिले में 13 तहसील और 1969 गांव शामिल हैं।

भूगोल संपादन

नागपुर का स्थान २१°०६' उत्तर अक्षांश, ७९° ०३' पूर्व रेखांश है।


नागपुर
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Average max. and min. temperatures in °C
Precipitation totals in mm
Source: World Weather Information Service
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Average max. and min. temperatures in °F
Precipitation totals in inches

पर्यटन स्थल संपादन

अंबाजारी झील संपादन

शहर के पश्चिमी हिस्से में स्थित यह झील 15.4 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है। चारों ओर से खूबसूरत बगीचों से घिरी इस झील में नौकायन का आनंद लिया जा सकता है। झील के संगीतमय फव्वारे इस झील की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं। झील के साथ ही एक बेहद खूबसूरत बगीचा है जिसे नागपुर के सबसे सुंदर स्थलों में शामिल किया जाता है।

बालाजी मंदिर संपादन

सेमीनरी पहाड़ियों के सुरमय वातावरण में भगवान वेंकटेश बालाजी का यह मंदिर बना हुआ है। मंदिर की अद्भुत वास्तुकारी देखने और आध्यात्मिक वातावरण की चाह में उत्तर और दक्षिण भारत से हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं का यहां आगमन होता है। मंदिर परिसर में भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा भी स्थापित है, जिसे देवताओं की सेना का सेनापति कहा जाता है।

पोद्दारेश्वर राम मंदिर संपादन

इस मंदिर का निर्माण राजस्थान के पोद्दार परिवार के श्री जमुनाधर पोद्दार ने 1923 ई. में करवाया था। मंदिर में भगवान राम और शिव की प्रतिमाएं स्थापित हैं। सफेद संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से बने इस मंदिर में खूबसूरत नक्कासी की गई है। राम नवमी को होने वाली राम जन्मोत्सव शोभायात्रा के दौरान यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होते हैं।

दीक्षाभूमि संपादन

पश्चिमी नागपुर में रामदास पीठ के निकट दीक्षाभूमि स्थित है। इसी स्थान पर 14 अक्टूबर 1956 को भारत रत्‍न डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर ने अपने अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था। तब से यह स्थान बौद्ध तीर्थस्थल के तौर पर जाना जाता है। इस स्थान पर एक मेमोरियल भी बना हुआ है। सांची के स्तूप जैसी एक शानदार इमारत का यहां निर्माण किया गया है जिसे बनवाने में 6 करोड़ रूपये खर्च हुए थे। इस इमारत के प्रत्येक खंड में एक साथ 5000 भिक्षु ठहर सकते हैं।

अदासा संपादन

यह नागपुर का एक छोटा-सा गांव है। यहां अनेक प्राचीन और शानदार मंदिर देखे जा सकते हैं। यहां के गणपति मंदिर में भगवान गणेश की एकल शिलाखंड से बनी प्रतिमा स्थापित है। अदासा के समीप ही एक पहाड़ी में तीन लिंगों वाला भगवान शिव को समर्पित मंदिर बना हुआ है। माना जाता है कि इस मंदिर के लिंग अपने आप भूमि से निकले थे।

रामटेक संपादन

इस स्थान को रामटेक इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां भगवान राम और उनकी पत्‍नी सीता के पवित्र चरणों का स्पर्श हुआ था। यहां की पहाड़ी के शिखर पर भगवान राम का मंदिर बना हुआ है, जो लगभग 600 साल पुराना माना जाता है। रामनवमी पर्व यहां बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। संस्कृत कवि कालिदास के मेघदूतम में इस स्थान को रामगिरी कहा गया है। इसी स्थान पर उन्होंने मेघदूतम की रचना की थी। पहाड़ी पर कालिदास का समर्पित एक स्मारक भी बना हुआ है।

खेकरानाला संपादन

नागपुर से 55 किलोमीटर दूर खेकरानाला में एक खूबसूरत बांध बना हुआ है। यहां के मनोरम और शांत वातावरण में सुकून के कुछ पल गुजारने के लोग आते रहते हैं। खेकरानाला का स्वस्थ और हरा-भरा वातावरण पिकनिक के लिए भी बहुत अनुकूल माना जाता है।

मरकड संपादन

वेनगंगा नदी के बांए तट पर स्थित मरकड एक धार्मिक स्थल के रूप में लोकप्रिय है। संत मार्कडेंय के नाम पर इस जगह का नाम पड़ा। यहां लगभग 24 मंदिरों का समूह है। माना जाता है कि यहां के शिवलिंग की मार्कडेंयने पूजा की थी। यहां के मंदिरों की वास्तुकारी खजुराहो के मंदिरों से मिलती है। Gopil

नागरधन संपादन

नागरधन एक महत्वपूर्ण प्रागैतिहासिक नगर है। शैल साम्राज्य के राजा नंदवर्धन को इस नगर का मूल संस्थापक माना जाता है। नागरधन में भोंसलों द्वारा स्‍थापित एक किला है जिसकी दीवारें ईंटों से बनी हुई हैं। यहां एक वन्यजीव अभयारण्य भी है। यहां जंगली जानवरों को खुले में विचरण करते देखा जा सकता है। गौर यहां का मुख्य आकर्षण है। साथ ही सांभर, हिरन और अन्य बहुत से जीवों को देखा जा सकता है।

नवेगांव बांध संपादन

नवेगांव बांध को विदर्भ के सबसे लोकप्रिय फॉरेस्ट रिजॉर्ट में शुमार किया जाता है। यहां साहसिक खेलों के अनेक अवसर उपलब्ध हैं। इस बांध को 18वीं शताब्दी की शुरूआत में कोलू पटेल कोहली ने बनवाया था। यहां की पहाड़ियों के बीच एक बेहद खूबसूरत झील भी बनी हुई है। नवेगांव बांध के वाचटॉवर से यहां के वन्यजीवों की गतिविधियां देखी जा सकती हैं। यहां एक डीयर पार्क भी बना हुआ है।

सेवाग्राम संपादन

महात्मा गांधी ने 1933 में सेवाग्राम आश्रम स्थापित किया था। यहां उन्होंने अपने जीवन के 15 वर्ष व्यतीत किए थे। कहा जाता है कि इस स्थान पर महात्मा गांधी समाज सेवा के विविध कार्यक्रम संपन्न करते थे। इसी कारण इसे सेवाग्राम कहा जाता है। यहां के यात्री निवास में लोगों के ठहरने की व्यवस्था है।

सीताबल्डी किला संपादन

यह किला दो पहाड़ियों पर बना है। किले को 1857 में एक ब्रिटिश अफसर ने बनवाया था। तब से यह किला नागपुर आने वाले सैलानियों को लुभा रहा है।

शिक्षा और वानिज्ञ संपादन

नागपुर में लगभग 100 से भी अधिक अभियांत्रीकी (इंजीनियरिंग) महाविद्यालय है। नागपुर विश्‍वविद्यालय महाराष्‍ट्र का एक बहुत बड़ा विश्‍वविद्यालय है।

आवागमन संपादन

 
नागपुर का डॉ॰बाबासाहब अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र में भारत का सबसे व्यस्‍त एअर ट्रैफिक कांट्रोल रूम है।
वायु मार्ग

डॉ॰बाबासाहब अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र जिसे सोनेगांव एयरपोर्ट भी कहते हैं, यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है जो सिटी सेंटर से 6 किलोमीटर की दूरी पर है। इस घरेलू एयरपोर्ट से देश के कई शहरों के लिए फ्लाइटें हैं।

रेल मार्ग

नागपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन राज्य का एक प्रमुख रेलवे जंक्शन है। मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, कोल्हापुर, पुणे, अहमदाबाद, हैदराबाद, वाराणसी, गोरखपुर, भुवनेश्‍वर, त्रिवेन्द्रम, कोचीन, बंगलुरू, मंगलौर, पटना, इंदौर और सीतामढ़ी[२] आदि शहरों से यहां के लिए सीधी ट्रेनें हैं। यह मध्‍य रेल का एक बहुत बड़ा और व्‍यस्त डिविशण (भाग) है।


सड़क मार्ग

राष्ट्रीय राजमार्ग 6 और 7 नागपुर को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ता है। मुंबई, संभलपुर, कोलकाता, वाराणसी और कन्याकुमारी जैसे शहरों से यहां सड़क मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है। नागपुर में सीटी बस का सेवा भी उपलब्‍ध है जो शहर में लोगों को शहर में एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाता है।

सन्दर्भ संपादन

साँचा:महाराष्ट्र के जिलेसाँचा:भारत के मिलियन+ नगरसाँचा:महाराष्ट्र