नाटक
नाटक घर या रंगमंच (थिएटर) वू स्थान छेकै जहाँ नृत्य, नाटक, खेल आदि हुअय। रंगमंच शब्द रंग आरू मंच दू शब्दो के मिलला सँ बनलो छै। रंग ई लेली प्रयुक्त होलो छै कि दृश्य क आकर्षक बनाबै लेली दीवारों, छतों और पर्दों पर विविध प्रकार की चित्रकारी की जाती है और अभिनेताओं की वेशभूषा तथा सज्जा में भी विविध रंगों का प्रयोग होता है और मंच इसलिए प्रयुक्त हुआ है कि दर्शकों की सुविधा के लिए रंगमंच का तल फर्श से कुछ ऊँचा रहता है। दर्शकों के बैठने के स्थान को प्रेक्षागार और रंगमंच सहित समूचे भवन को प्रेक्षागृह, रंगशाला, या नाट्यशाला (या नृत्यशाला) कहते हैं। पश्चिमी देशों में इसे थिएटर या ऑपेरा नाम दिया जाता है।