भोजपुरी भाषा
भोजपुरी एगो भासा के नाँव छेकै जे भारत मँ बोललौ जाय छै। भोजपुरी शब्द क निर्माण बिहार क प्राचीन जिला भोजपुर केरौ आधार प पड़लौ छै। जहाँ केरौ राजा "राजा भोज" न इ जिला क नामकरण करलौ छेलै। इ भासा भारतीय संविधान के आठमां अनुसूची मँ शामिल छै। भासाई परिवार केरौ स्तर प भोजपुरी एगो आर्य भासा छेकै आरो मुख्य रूप सँ पश्चिम बिहार आरो पूर्वी उत्तर प्रदेश केरौ क्षेत्र मँ बोललौ जाबै छै। आधिकारिक आरो व्यवहारिक रूप सँ भोजपुरी हिन्दी भाषा क एगो उपभासा या बोली छेकै।
नामोत्पत्ति
संपादनभोजपुरी भासा क नामकरण बिहार राज्य केरौ आरा (शाहाबाद) जिला सँ स्थित भोजपुर नामक गाँव केरौ नाम प होलौ छै। पूर्ववर्ती आरा जिले केरौ बक्सर सब-डिविजन (अबअ बक्सर जिला अलग जिला छेकै) सँ भोजपुर नाम क एगो बड़ौ परगना छै जेकरा सँ "नवका भोजपुर" आरो "पुरनका भोजपुर" दू गाँव छै।
भासाई उत्पत्ति आरो इतिहास
संपादनमध्य काल सँ भोजपुर स्थान क मध्य प्रदेश केरौ उज्जैन सँ ऐलौ भोजवंशी परमार राजा सिनी न बसैलौ छेलै। हुनी अपनौ इ राजधानी क अपनौ पूर्वज राजा भोज केरौ नाम प भोजपुर रखलौ छेलै। यहा कारण सँ एकरौ पास बोललौ जाबै बला भासा क नाम "भोजपुरी" पड़ौ गेलै।
भोजपुरी जानै-समझै बला क विस्तार विश्व केरौ सब्भे महाद्वीपों प छै जेकरौ कारण ब्रिटिश राज केरौ दौरान उत्तर भारत सँ अंग्रेजों द्वारा लै गेलौ मजदूर छेलै, जे जे वहां गेलौ छेलै वहीं रसी-बसी गेलौ।
क्षेत्रविस्तार
संपादनभोजपुरी भासा प्रधानतया पश्चिमी बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा उत्तरी झारखण्ड केरौ क्षेत्रों मँ बोललौ जाबै छै। इ क्षेत्र केरौ अलावा भोजपुरी विदेशो मँ बोललौ जाबै छै। भोजपुरी भासा फिजी आरो नेपाल क संवैधानिक भासाओं मँ सँ एक छै। एकरा मॉरीशस, फिजी, गयाना, सूरीनाम, सिंगापुर, उत्तर अमरीका आरो लैटिन अमेरिका मँ भी बोललौ जाबै छै।
जनसांख्यिकी
संपादनमुख्यरुप सँ भोजपुरी बोललौ जाबै बला जिला
- बिहार : बक्सर जिला, सारण जिला, सिवान, गोपालगंज जिला, पूर्वी चम्पारण जिला, पश्चिम चम्पारण जिला, वैशाली जिला, भोजपुर जिला, रोहतास जिला, बक्सर जिला, भभुआ जिला
- उत्तर प्रदेश : बलिया जिला, वाराणसी जिला,चन्दौली जिला, गोरखपुर जिला, महाराजगंज जिला, गाजीपुर जिला, मिर्जापुर जिला, मऊ जिला, जौनपुर जिला, बस्ती जिला, सिद्धार्थ नगर,आजमगढ जिला
शब्दावली
संपादनभोजपुरी अपनौ शब्दावली लेली मुख्यतः संस्कृत एवं हिन्दी भाषा प निर्भर छै कुछु शब्द भोजपुरी न उर्दूओ सँ ग्रहण करलौ छै।