मुंगेर के परंपरा
परंपरा शहर के नींव चंद्रगुप्त क॑ बताय छै,जेकरो बाद एकरा गुप्तागर नामक नाम देलो गेलो छेलै। जे कि वर्तमान किला के उत्तर पश्चिम के कोना म॑ कष्टहरणी घाट प॑ एक चट्टान प॑ लिखलो गेलो छेलै। ई जोर देलो गेलो छै कि मुद्गल ऋषि वहां रहै छेलै। ऋषि ऋग्वेद के ऋषि मुगदल आयु उनको कबिला म॑ दसवां मावदला के विभिन्न सुत्तर के रचना के रूप म॑ परंपरा के वर्णन करने छै। हालांकि जरनल कन्घिम के सशक्त संदेश छेलै।जब ई मुल नाम मोन्स क॑ मुंडा के साथ जोड़ै छेलै। जे कि आर्य के आगमन स॑ प॑हने ई हिस्सा प॑ कब्जा करी लेने छैलै।