चीरिंग, बज्जड़, वज्रपात या तड़ित आकाशीय बिजली छेकै जे प्राकृतिक रूप स॑ होय वाला विद्युतस्थैतिक निर्वहन छेकै जेकरौ दौरान दू विद्युत आवेशित क्षेत्र एक थल प या दोनों वायुमंडल म॑ अस्थायी रूप स॑ स्वयं क निष्क्रिय करी दै छै, जेकरा स॑ औसतन एक गीगाजूल ऊर्जा के त्वरित रूप सँ मुक्त होय जाय छै। ई निर्वहन स॑ विद्युतचुम्बकीय विकिरण केरऽ विस्तृत श्रृंखला पैदा होय जाय छै, जेकरा म॑ इलेक्ट्रॉन केरऽ तेजी स॑ गति स॑ पैदा होय वाला गर्मी स॑ ल॑ क॑ कृष्णिका विकिरण केरऽ रूप म॑ दृश्य प्रकाश केरऽ तेजस्वी चमक तक पैदा होय जाय छै। बिजली के कारण गरज होय छै, जे प्रघाती तरंग स॑ निकलै वाला होय छै, हैय निर्वहन के आसपास के गैसऽ केरौ दबाव म॑ अचानक वृद्धि के अनुभव होय के साथ विकसित होय छै। चीरिंग आमतौर पर गरजऽ के साथ-साथ अन्य प्रकार के ऊर्जावान मौसम प्रणाली के दौरान भी होय छै, लेकिन ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान भी ज्वालामुखीय चीरिंग होय सकै छै। चीरिंग एगो वायुमंडलीय विद्युत केरौ घटना छेकै आरू वैश्विक वायुमंडलीय विद्युत परिपथ म॑ योगदान दै छै।

मेघौ सँ चीरिंग गिरतअ हुअ

एकरहो देखौ

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बाहरी कड़ी

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संदर्भ

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