विक्रमशिला महाविहार
विक्रमशिला (गांव-एंटीचक) कहलगांव स॑ 13 किमी दूर स्थित छै। ई प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय लेली प्रसिद्ध छै। जेकरो स्थापना पाल राजा धर्मपाल न॑ 8 वीं शताब्दी म॑ करने छेलै, ई शैक्षणिक संस्थान तांत्रिक बौद्ध धर्म के शिक्षण केंद्र के रूप में कार्य कऽरै छेलै । इमारत के केंद्र म॑ ऐगो विशाल बौद्ध मंदिर छेलै, जे 108 छोटो मंदिर स॑ घिरलो छेलै। ई विश्वविद्यालय स॑ मिलैऽ वाला अवशेष न॑ विक्रमशिला क॑ कहलगांव के पास सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान म॑ स॑ एक बनाय देलकै । ई प्रख्यात विद्वानों क॑ जन्म देलकै, जेकरा अक्सर विदेश द्वारा बौद्ध शिक्षा, संस्कृति आरु धर्म के प्रसार के लेली आमंत्रित करलो जाय छेलै। तिब्बत म॑ लामावाद के संस्थापक अतिसा दीपांकर सबसे प्रतिष्ठित आरू प्रख्यात छेलै । यहां धर्मशास्त्र, दर्शनशास्त्र, व्याकरण, तत्वमीमांसा आरु तर्कशास्त्र जैसनो विषय पढ़ैऽलो जाय छेलै। लेकिन शिक्षा के सबसे महत्वपूर्ण शाखा तंत्रवाद ही छेलै।