विद्युत
विद्युत आवेश के मौजूदगी आरू बहाव स जुड़लो भौतिक परिघटना के समुच्चय क विद्युत (Electricity) कहलो जाय छै। अर्थात् हेकरा नय त देखलो जाय सकै छो, आरू नय ही छुलो जाय सकै छो, खालै हेकरो प्रभाव के माध्यम स महसुस करलो जाबे सके छो| विद्युत स जानलो-मानलो घटना जुड़लो छै, जेना कि तडित, स्थैतिक विद्युत, (गतिक वैद्दुतिक),विद्युतचुम्बकीय प्रेरण, आरू विद्युत धारा। हेकरो अतिरिक्त, विद्युत के द्वारा ही वैद्युतचुम्बकीय तरंगो (जैसे रेडियो तरंग) के सृजन आरू प्राप्ति सम्भव होय छै?
विद्युत के साथ चुम्बकत्व जुड़ी हुई घटना है।[१] विद्युत आवेश वैद्युतचुम्बकीय क्षेत्र पैदा करै छै। विद्युत क्षेत्र म रखलो विद्युत आवेशों प बल लगै छै।
समस्त विद्युत का आधार इलेक्ट्रॉन हैं। क्योंकि इलेक्ट्रॉन हल्के होने के कारण ही आसानी से स्थानांतरित हो पाते हैं। इलेक्ट्रानों के हस्तानान्तरण के कारण ही कोई वस्तु आवेशित होती है। आवेश की गति की दर विद्युत धारा है। विद्युत के अनेक प्रभाव हैं जैसे चुम्बकीय क्षेत्र, ऊष्मा, रासायनिक प्रभाव आदि।
जब विद्युत और चुम्बकत्व का एक साथ अध्ययन किया जाता है तो इसे विद्युत चुम्बकत्व कहते हैं। मात्र जिसके अनुप्रयोगों पर दुनिया की इकोनामी टिकी हुई है।विद्युत को अनेकों प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है किन्तु सरल शब्दों में कहा जाये तो विद्युत आवेश की उपस्थिति तथा बहाव के परिणामस्वरूप उत्पन्न उस सामान्य अवस्था को विद्युत कहते हैं जिसमें अनेकों कार्यों को सम्पन्न करने की क्षमता होती है। विद्युत चल अथवा अचल इलेक्ट्रान या प्रोटान से सम्बद्ध एक भौतिक घटना है। किसी चालक में विद्युत आवेशों के बहाव से उत्पन्न उर्जा को विद्युत कहते हैं।
विद्युत-आवेश के प्रवाह अर्थात विद्युत-आवेशित कणों के किसी निश्चित दिशा मे गति करने को 'विद्युत-धारा' कहते हैं ।
- ↑ लुआ त्रुटि मोड्यूल:Citation/CS1/Utilities में पंक्ति 38 पर: bad argument #1 to 'ipairs' (table expected, got nil)।