१९७० भोला चक्रवात

एकटा उष्णकटिबंधीय चक्रवात जे पूर्वी पाकिस्तान पर आयल छल
(1970 भोला चक्रवात सँ भेजलौ गेलौ)

१९७० के भोला चक्रवात एगो विनाशकारी उष्णकटिबंधीय चक्रवात छेलै जे ११ नबंबर १९७० क पूरबी पाकिस्तान (वर्तमान मँ बांग्लादेस) आरो भारत के पच्छिम बंगाल क प्रभावित करलौ छेलै। इ एखनी तकौ क सबसँ घातक उष्णकटिबंधीय चक्रवात मँ सँ एक छै आरू संसार क सबसँ घातक प्राकृतिक आपदा मँ सँ एक छै। इ चक्रवात मँ कम सँ कम ५००,००० लोगौ के प्राण गेलै, इ चक्रवात के कारण सँ गंगा डेल्टा के निचलका द्वीप सिनी मँ बाढ आबी गेलौ छेलै। भोला १९७० के उत्तर हिंद महासागर चक्रवात के मौसम क छठ्ठा आरू सबसँ मजबूत चक्रवाती तूफान छेलै।[]

भोला चक्रवात १९७० के उपग्रह सँ फोटो

मौसम विज्ञान के इतिहास

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पश्चिमी प्रशांत महासागर सँ उष्णकटिबंधीय तूफान नोरा क अवशेष, जे दक्षिण चीन सागर मँ दू दिन तक चललौ छेलै, ५ नवंबर १९७० क मलय प्रायद्वीप के उप्पर पच्छिम चललौ गेलै। इ तूफान ११ नवंबर क एगो भयंकर चक्रवाती तूफान मँ परिवर्ततित होय गेलै आरू खाड़ी क प्रमुख केरौ पास ऐतै पुरबोत्तर के ओर मुड़ी गेलै। इ एगो स्पष्ट आंख विकसित करलकै, आरू वहा दिनाँ बादौ मँ अपनौ चरम तीव्रता तक पहुंची गलै, १८५ किमी/घंटा (११५ मील प्रति घंटा) क ३ मिनट रौ निरंतर हवा के साथ, २४० किमी/घंटा (१५० मील प्रति घंटा) क १ मिनट रौ निरंतर हवा, आरू केंद्रीय दबाव ९६० hPa छेलै। चक्रवात न १२ नवंबर के सांझी क समय मँ पूरबी पाकिस्तान (एखनी बंगलादेस) के तट प स्थानीय उच्च ज्वार के समय केरौ आसपास तट सँ टकरैलै।

 
सैफिर-सिम्पसन पैमाना के अनुसार तूफान क ट्रैक आरू तीव्रता क देखाय वाला मानचित्र
 
१९७० रौ भोला चक्रवात केरौ बंगलादेस मानचित्र प पथ

तैयारी

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सवाल इ छेलै कि भारतीय मौसम अधिकारि क चक्रवात के बारँ मँ जत्तँ जानकारी प्राप्त छेलै आरू ओकरा मँ सँ कत्तँ जानकारी पूरबी पाकिस्तान क अधिकारि क प्रेषित करलौ गेलौ छेलै। इ प्रस्न यहा लेली छै केनहकी भारतीय आरू पूरबी पाकिस्तानी मौसम सेवा मँ हौ समय भारत-पाकिस्तान के बीच टकराव क देखतँ हुअ जानकारी साझा नाय करलौ होतै।

प्रभाव

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मुख रूप सँ उत्तर हिंद महासागर उष्णकटिबंधीय चक्रवात घाटि मँ सबसँ कम सक्रिय छै, बंगाल के खाड़ी क तट विशेष रूप सँ उष्णकटिबंधीय चक्रवात के प्रभाव क प्रति संवेदनशील छै। भोला चक्रवात सँ मरै वाला क सही संख्या क कभीयो पता नाय चलतै, परन्तु अनुमान छै कि मृत के जनसँख्या कुल ३,००,००० से ५,००,००० होतै। चूँकि, इ चक्रवात १९९१ क बांग्लादेश चक्रवात सँ मजबूत नाय छेलै जबँ की १९९१ वाला मँ वायु के तीव्रता २६० किमी / घंटा छेलै आरू साथ - साथ श्रेणी ५ के समतुल्य चक्रवात के समान सामान्य क्षेत्र मँ लैंडफॉल बनैलौ छेलै।

सरकार केरौ विफलता

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पाकिस्तान क सैन्य सरकार इ रंगौ क विनाशकारी प्राकृतिक आपदा क जवाब दै मँ धीमा रहलौ छै। भोजन आरू पानी के कमी के कारण चक्रवात सँ बचलौ लोग सिनी क मौत होय गेलै। चक्रवात के एक सप्ताह बाद राष्ट्रपति याह्या खान न स्वीकार करलकै कि सरकार आपदा क भयावहता क समझैल नाय परलकै आरू राहत प्रयास क ठीक सँ नाय वितरण होलै।

राजनीतिक प्रभाव

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पूरबी पाकिस्तान क आम जनता, जे चक्रवात सँ प्रभावित छेलै उ पाकिस्तानी सरकार क इ रंग के क्रूरता क देखी क आक्रोशित छेलै। २४ नवंबर क एगो बैठक मँ मौलाना भसानी न पाकिस्तान के राष्ट्रपति प अक्षमता क आरोप लगैलकै आरू ओकरा तत्काल इस्तीफे क मांग करलकै। तत्कालीन विपक्षी अवामी लीग न प्रांतीय रूप सँ भारी अंतर सँ चुनाव जीतलकै आरू इतिहास मँ पहलौ बार एगो प्राकृतिक घटना न कोय देस मँ स्वतंत्रता संग्राम क कारण मँ सँ एक बनी गेलै।

एकरो देखौ

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बाहरी कड़ी

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संदर्भ

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