ऋग्वेद
ऋग्वेद एगो महत्वपूर्न ग्रंथ छेकै। हिंदू धर्म म॑ एकरऽ बड्डी महात्मय छै। ऋग्वेद क॑ पढ़ला स॑ मनऽ मं॑ पवित्रते के वास होय छै। ऋग्वेद या ऋग्वेद वैदिक संस्कृत स्तोत्र (सूक्त) के एक प्राचीन भारतीय संग्रह छेकै। ई चार पवित्र कैननिकल हिन्दू ग्रंथ (श्रुति) मँ सँ एक छेकै जे वेद के नाम सँ जानलौ जाय छै। ऋग्वेद सर्वाधिक प्राचीन ज्ञात वैदिक संस्कृत ग्रंथ छेकै। एकरऽ प्रारंभिक परत कोनो भी भारत-यूरोपीय भाषा केरऽ सबसें पुरानऽ विद्यमान ग्रंथऽ में से एक छै। ऋग्वेद केरऽ ध्वनि आरू ग्रंथऽ के मौखिक रूप स॑ प्रसारण ईसा पूर्व द्वितीय सहस्राब्दी स॑ होय रहलऽ छै। भाषावैज्ञानिक आरो भाषावैज्ञानिक प्रमाण संकेत करै छै जे ऋग्वेद संहिता क अधिकांश भाग भारतीय उपमहाद्वीप क उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र (ऋग्वेदि क नदी) मँ बनल छेलै, जे बेसी संभावना ग. 1500 एवं 1000 ई.पू., यद्यपि एगो व्यापक अनुमान ग. 1900–1200 ईसा पूर्व मँ भी देलौ गेलौ छै।[१]
एकरहो देखौ
संपादनबाहरी कड़ी
संपादन- The Rig Veda The complete Rig Veda in English translation at holybooks.com
- Devanagari and transliteration experimental online text at: sacred-texts.com
- ITRANS, Devanagari, transliteration online text and PDF, several versions prepared by Detlef Eichler
- Transliteration, metrically restored
- The Hymns of the Rigveda, Editio Princeps by Friedrich Max Müller (large PDF files of book scans). Two editions: London, 1877 (Samhita and Pada texts) and Oxford, 1890साँचा:Ndash92, with Sayana's commentary.
संदर्भ
संपादन- ↑ Lester Kurtz (2015), Gods in the Global Village, SAGE Publications, ISBN 978-1-4833-7412-3, p. 64, Quote: "The 1,028 hymns of the Rigveda are recited at initiations, weddings and funerals...."