हिंद-ईरानी भाषासमुह भारोपीय भाषासमुह केरौ एगो शाखा छेकै। इ सातम वर्ग केरौ भित्तर आबै छै। एकरौ दू उपशाखा सिनी छै। पहलौ हिन्द आर्य उपशाखा, जे भाषा सिनी संस्कृत सँ जन्मलौ छै, जेना: हिन्दी, उर्दू, पंजाबी, रोमानी, मराठी, कश्मीरी, आरिन। दोसरौ ईरानी उपशाखा: हैय उपशाखा क प्राचीनतम भाषा सिनी छेकै अवस्ताई (पारसियों केरौ धर्मभाषा) आरो प्राचीन फ़ारसी। एकरा सँ जन्मलौ भाषा सिनी छै: फ़ारसी, बलोची, दरी, पश्तो, कुर्दी आरिन।

हिंद-ईरानी भाषासमूह

इ परिवार मँ सब्भे भाषा सिनी केरौ सामान्य पूर्वज क मूल-हिंद-ईरानी भाषासमूह या प्रोटो-इंडो-ईरानी कहलौ जाबै छै, जेकरा सामान्य आर्य भी कहलौ जाबै छै। इ तीसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व क लगालगी मँ बोललौ जाबै छेलै। आधुनिक हिंद-ईरानी भाषा सिनी केरौ तीन शाखा हिंद-आर्य, ईरानी आरो नूरिस्तानी छेकै। एगो चौथौ स्वतंत्र शाखा, डार्डिक क पहले राखलौ गेलौ छै, किंतु हाले मँ सामान्य स्थानों मँ छात्रवृत्ति हिंद-आर्य भाषासमूह के शाखा केरौ पुरातन सदस्य केरौ रूप मँ डार्डिक भाषा सिनी क स्थापित करै छै।

एकरो देखौ

संपादन

बाहरी कड़ी

संपादन

संदर्भ

संपादन